मुहावरे और लोकोक्तियाँ

परिचय

 

मुहावरे वे विशेष वाक्यांश होते हैं जिनका शाब्दिक अर्थ न लेकर विशेष अर्थ निकाला जाता है। ये भाषा को रोचक, प्रभावशाली और अभिव्यक्तिपूर्ण बनाते हैं।

लोकोक्तियाँ वे प्रसिद्ध कहावतें या वाक्य होते हैं जो समाज के अनुभव, शिक्षा और नैतिकता को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करते हैं। इनका प्रयोग किसी स्थिति, सीख या उपदेश को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करने के लिए किया जाता है।


50 प्रमुख मुहावरे और उनके उदाहरण

मुहावराअर्थउदाहरण
आग बबूला होनाबहुत क्रोधित होनावह उसकी बात सुनकर आग बबूला हो गया।
आसमान से गिरा, खजूर में अटकाएक मुसीबत से निकलकर दूसरी में फँसनावह नौकरी छोड़कर व्यापार में गया, अब आसमान से गिरा, खजूर में अटका।
आँख का ताराबहुत प्यारावह अपने माता-पिता की आँख का तारा है।
अंगूठा दिखानामना करनाउसने मदद के लिए कहा, पर सबने अंगूठा दिखा दिया।
अक्ल के घोड़े दौड़ानाबहुत सोच-विचार करनापरीक्षा में सवाल देखकर सबने अक्ल के घोड़े दौड़ा दिए।
अपनी खिचड़ी अलग पकानाअलग रहनावह हमेशा अपनी खिचड़ी अलग पकाता है।
ऊँट के मुँह में जीराबहुत कमइतनी तनख्वाह तो ऊँट के मुँह में जीरा है।
औंधे मुँह गिरनाबुरी तरह असफल होनावह प्रतियोगिता में औंधे मुँह गिर गया।
कलेजा मुँह को आनाबहुत डर जानाहादसा देखकर उसका कलेजा मुँह को आ गया।
कान में तेल डालनाअनसुना करनावह हमेशा कान में तेल डालकर बैठा रहता है।
कागज़ी फूलदिखावटी चीज़उसकी दोस्ती कागज़ी फूल जैसी है।
खून का प्यासाजान का दुश्मनवह उसका खून का प्यासा बन गया है।
घी के दिये जलानाखुशी मनानाबेटे के जन्म पर घर में घी के दिये जलाए गए।
घोड़े बेचकर सोनानिश्चिंत होकर सोनापरीक्षा के बाद वह घोड़े बेचकर सो गया।
चाँद तारे तोड़नाअसंभव काम करनावह उसके लिए चाँद तारे तोड़ लाएगा।
चुप्पी साधनाचुप रहनाउसने सबके सामने चुप्पी साध ली।
चार चाँद लगानाशोभा बढ़ानाउसकी उपस्थिति ने समारोह में चार चाँद लगा दिए।
जल में रहकर मगर से बैरशक्तिशाली से दुश्मनी करनाजल में रहकर मगर से बैर ठीक नहीं।
जले पर नमक छिड़कनादुखी को और दुखी करनाहारने के बाद सबने जले पर नमक छिड़का।
जमीन आसमान एक करनाबहुत मेहनत करनाउसने सफलता के लिए जमीन आसमान एक कर दिया।
तिल का ताड़ बनानाछोटी बात को बढ़ानावह हमेशा तिल का ताड़ बनाता है।
दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता हैअनुभव से सतर्क रहनाधोखा खाने के बाद वह दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है।
नमक हरामविश्वासघातीजो मालिक का नुकसान करे, वह नमक हराम है।
नाक कटनाइज्जत खोनाउसकी हरकत से पूरे परिवार की नाक कट गई।
नौ दो ग्यारह होनाभाग जानापुलिस आते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गए।
पसीना बहानाकड़ी मेहनत करनाउसने सफलता के लिए पसीना बहाया।
पलक झपकतेबहुत जल्दीवह पलक झपकते ही गायब हो गया।
पेट में चूहे दौड़नाबहुत भूख लगनादोपहर तक तो पेट में चूहे दौड़ने लगे।
पानी-पानी होनाशर्मिंदा होनागलती पर वह पानी-पानी हो गया।
फूटी कौड़ी न होनाबिल्कुल गरीब होनाउसके पास फूटी कौड़ी भी नहीं बची।
बगलें झाँकनाशर्मिंदा या असहज होनासवाल सुनकर वह बगलें झाँकने लगा।
बेमौसम बरसातअनुचित समय पर घटनाउसकी शादी में बेमौसम बरसात हो गई।
बाल की खाल निकालनाछोटी बातों में उलझनावह हमेशा बाल की खाल निकालता है।
भेड़ की खाल में भेड़ियाछुपा हुआ दुश्मनवह भेड़ की खाल में भेड़िया है।
मुँह की खानाहार जानाउसने बहस में मुँह की खाई।
मुँह में पानी भर आनास्वाद देखकर ललचानामिठाई देखकर उसके मुँह में पानी भर आया।
मुँह फुलानानाराज होनाछोटी-छोटी बात पर मुँह फुला लेता है।
रंग में भंग पड़नाखुशी में बाधा आनाअचानक बिजली चली गई और रंग में भंग पड़ गया।
लकीर का फकीरपुराने ढर्रे पर चलने वालावह लकीर का फकीर है, नया कुछ नहीं करता।
लोहा माननाश्रेष्ठता स्वीकार करनासबने उसकी काबिलियत का लोहा माना।
हाथ मलनापछतानासमय पर काम न करने पर वह हाथ मलता रह गया।
हाथों-हाथ लेनातुरंत स्वीकार करनाउसकी बात को सबने हाथों-हाथ लिया।
हवाई किले बनानाअसंभव कल्पना करनावह हमेशा हवाई किले बनाता रहता है।
हड्डी-पसली एक करनाबहुत मेहनत करनामजदूरों ने हड्डी-पसली एक कर दी।
आँखों में धूल झोंकनाधोखा देनाउसने सबकी आँखों में धूल झोंक दी।
आँखों का ताराबहुत प्यारावह अपने दादा-दादी की आँखों का तारा है।
खून-पसीना एक करनाबहुत मेहनत करनाउसने खून-पसीना एक कर दिया।
सिर पर हाथ रखनासहारा देनामुसीबत में सबने सिर पर हाथ रखा।
 

10 प्रमुख लोकोक्तियाँ और उनके उदाहरण

लोकोक्तिअर्थ/उपयोग का उदाहरण
जैसी करनी वैसी भरनीजैसा करोगे, वैसा भुगतना पड़ेगा।
अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेतसमय निकल जाने के बाद पछताना व्यर्थ है।
अधजल गगरी छलकत जायअल्पज्ञान वाले लोग अधिक बोलते हैं।
अंधों में काना राजाअयोग्यों में थोड़ा योग्य भी श्रेष्ठ होता है।
ऊँची दुकान फीके पकवाननाम बड़ा, काम छोटा।
घर की मुर्गी दाल बराबरअपने की कद्र नहीं करना।
जैसी करनी वैसी भरनीजैसा करोगे, वैसा भुगतना पड़ेगा।
जिसकी लाठी उसकी भैंसताकतवर की ही चलती है।
नाव डूबने के बाद पतवार की यादसमय निकलने के बाद उपाय सोचना व्यर्थ है।
नाच न जाने आँगन टेढ़ाअपनी कमजोरी का दोष दूसरों पर डालना।